लीना पोटापोवास, एक कुंवारी, अपने पहले आनंद का अनुभव करती है जब वह डीफ़्लोर हो जाती है। उसके हाइमन को खोने की सनसनी तीव्र है, लेकिन स्मृति जीवन भर चलेगी।.
लीना पोटापोवास पहली बार इस रोमांचक कहानी में अपनी अतृप्त इच्छाओं को पूरा करती है। उसका साथी, जो उसकी मासूमियत की गहराईयों का पता लगाने के लिए उत्सुक है, उसे अपनी धड़कती इच्छा से चिढ़ाता है, धीरे-धीरे उसके नाजुक सिलवटों को तब तक अलग करता है जब तक कि वह उसके अनछुए हाइमन के प्रवेश द्वार तक नहीं पहुंच जाता। हांफते हुए, वह उसमें प्रवेश कर जाता है, जिससे कुंवारी से बहकते प्रेमी के रूपांतरण की शुरुआत होती है। यह अनुभूति जबरदस्त थी, और लीना खुद को परमानंद के धक्कों में खो देती है क्योंकि उसने अपनी निरंतर खोज जारी रखी। उसका एक बार अक्षुण हाइमन अब बिखर गया था, उसकी नई यौन जागृति का एक वसीयतना। यह लीना के लिए सिर्फ आनंद का क्षण नहीं था, बल्कि उसकी कौमार्य का एक संस्कार था जो उसके कौमार्य के अंत को चिह्नित करता था।.